मुजफ्फरपुर की राजनीति में बुधवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को तगड़ा झटका लगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के तीन बार के पूर्व विधान पार्षद (MLC) रामकुमार सिंह ने अपने बेटे और जनसुराज नेता डॉ. विनायक गौतम के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया। दोनों नेताओं को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
रामकुमार सिंह तिरहुत क्षेत्र में बीजेपी के मजबूत नेता माने जाते हैं और तीन बार एमएलसी रह चुके हैं। उनके राजद में शामिल होने को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ और प्रभाव रहा है। उनके बेटे डॉ. विनायक गौतम 2024 के तिरहुत स्नातक उपचुनाव में जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी थे और उस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे। अब पिता-पुत्र दोनों का राजद में प्रवेश न केवल बीजेपी और जनसुराज के लिए नुकसानदायक है, बल्कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरणों को भी बदल सकता है।
तेजस्वी यादव की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम को राजद ने अपनी बड़ी उपलब्धि बताया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, रामकुमार सिंह के अनुभव और विनायक गौतम की युवाओं में लोकप्रियता से राजद को तिरहुत के साथ-साथ वैशाली और शिवहर जैसे इलाकों में भी मजबूती मिलेगी। तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि अनुभवी और जनसमर्थन वाले नेताओं का राजद में जुड़ना यह दर्शाता है कि जनता बदलाव के मूड में है। इस पूरे घटनाक्रम को बिहार की सियासत में महागठबंधन के लिए नैरेटिव बदलने वाली चाल माना जा रहा है, जबकि एनडीए खेमे में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है