मेरी भारतीय जनता पार्टी के साथ यात्रा यहां से समाप्त होती है। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं द्वारा मिले निर्देशों का पालन करते हुए मेरे हिस्से का जितना पार्टी को मिला मैं समझता हूं वह मेरी ओर से एक बार मौका देने के लिए कृतज्ञता स्वरूप था। मुझे लगता है कि एक मुखर दलित नेतृत्व की जरूरत अब भारतीय जनता पार्टी को नहीं है, इसलिए मेरी यात्रा यहीं समाप्त होती है। अब मैं पार्टी की सीमाओं से ऊपर जाकर बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर के आदर्शों पर काम कर सकूंगा। मैं इसी वक्त से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जय भीम!